आजकल हर तरफ करवा चौथ की धूम मच रही है। शादीशुदा महिलाओं के लिए यह त्योहार पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना का प्रतीक है। खासकर उत्तर भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश की महिलाएं इस व्रत को बड़े उत्साह से रखती हैं। 2025 में करवा चौथ शुक्रवार, 10 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस ब्लॉग में हम खासतौर पर जानेंगे कि करवा चौथ 2025 में चाँद कब निकलेगा, साथ ही पूजा का शुभ मुहूर्त, व्रत का समय और कुछ खास टिप्स भी शेयर करेंगे। तो चलिए, शुरू करते हैं!
करवा चौथ 2025 की तारीख और महत्व
करवा चौथ कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस साल चतुर्थी तिथि 9 अक्टूबर 2025 रात 10:54 बजे से शुरू होकर 10 अक्टूबर शाम 7:38 बजे तक रहेगी। इसलिए व्रत और पूजा 10 अक्टूबर को ही होगी।
यह त्योहार पति-पत्नी के अटूट बंधन का प्रतीक है। महिलाएं सुबह से सूर्योदय के बाद निःशुल्क व्रत (बिना पानी और भोजन के) रखती हैं, जो चाँद दर्शन के बाद ही समाप्त होता है। ऐसा करने से पति को लंबी आयु और खुशहाल जीवन की प्राप्ति होती है। कथा के अनुसार, रानी वीरावती की कहानी से प्रेरित होकर यह व्रत शुरू हुआ, जहां बहनें मिलकर चाँद का इंतजार करती हैं।
चाँद कब निकलेगा? (मूनराइज टाइम)
करवा चौथ का सबसे रोमांचक पल होता है चाँद का दर्शन! इस साल दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत के प्रमुख शहरों में चाँद शाम 8:13 बजे के आसपास निकलेगा। व्रत का समय सुबह 6:19 बजे से शाम 8:13 बजे तक चलेगा।
ध्यान दें: चाँद का समय शहर के अनुसार थोड़ा-बहुत बदल सकता है। उदाहरण के लिए:
- दिल्ली: 8:13 PM
- मुंबई: लगभग 8:20 PM (पश्चिमी भारत में थोड़ा देर से)
- लखनऊ: 8:10 PM के करीब
अगर आप किसी खास शहर में हैं, तो लोकल पंचांग चेक करें या ऐप जैसे Drik Panchang का इस्तेमाल करें। चाँद निकलते ही महिलाएं छलनी से चाँद देखती हैं, फिर पति का चेहरा देखकर व्रत खोलती हैं। टिप: शाम को टेरेस या खुली जगह पर इंतजार करें, मौसम साफ रहने की उम्मीद है!
पूजा मुहूर्त और व्रत की पूरी टाइमिंग
करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त बहुत महत्वपूर्ण होता है। 2025 में:
- पूजा मुहूर्त: शाम 5:57 बजे से 7:11 बजे तक (दिल्ली के लिए, लगभग 1 घंटा 14 मिनट)
- सारगी का समय: सुबह सूर्योदय से पहले (लगभग 5:30 बजे के आसपास), जो व्रत की शुरुआत है।
व्रत की पूरी शेड्यूल:
समय | विवरण |
सुबह 5:30 AM | सारगी (व्रत शुरू) |
सुबह 6:19 AM | व्रत की शुरुआत (सूर्योदय) |
शाम 5:57 PM | पूजा मुहूर्त शुरू |
शाम 7:11 PM | पूजा मुहूर्त समाप्त |
शाम 8:13 PM | चाँद दर्शन और व्रत समाप्त |
पूजा में भगवान शिव, पार्वती, गणेश और कार्तिकेय की आराधना करें। करवा (मिट्टी का घड़ा) भरकर चंद्रमा को अर्घ्य दें।
करवा चौथ के रीति-रिवाज: स्टेप बाय स्टेप गाइड
- सारगी: सास द्वारा बनाई गई विशेष थाली में फल, मिठाई और फेनिया खाएं।
- सोलह श्रृंगार: लाल जोड़ा, चूड़ियां, मेहंदी और बिंदी लगाएं।
- कथा: शाम को महिलाएं एक साथ बैठकर करवा चौथ की कथा सुनें।
- चाँद दर्शन: छलनी से चाँद देखें, फिर पति को पानी पिलाकर व्रत खोलें।
- दान: करवा या ब्राह्मण को दान दें।
इस साल ग्रहों की स्थिति अनुकूल है – शुक्र और चंद्रमा के योग से वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ेगा।
आखिरी टिप्स: खुशहाल करवा चौथ के लिए
- हल्के कपड़े पहनें, क्योंकि व्रत लंबा होता है।
- पति भी साथ व्रत रखें तो रिश्ता और मजबूत होगा।
- अगर स्वास्थ्य समस्या है, तो डॉक्टर से सलाह लें।
दोस्तों, करवा चौथ सिर्फ व्रत नहीं, बल्कि प्यार की मिसाल है। 10 अक्टूबर को चाँद की चांदनी में अपने पति के साथ ये पल सेलिब्रेट करें। हैप्पी करवा चौथ! क्या आपके पास कोई स्पेशल प्लान है? कमेंट्स में शेयर करें।