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सूर्य ग्रह: वैदिक ज्योतिष में महत्व, प्रभाव और संपूर्ण गाइड

सूर्य ग्रह से ही हमें ऊर्जा व प्रकाश प्राप्त होता है। यह हमारे जीवन को प्रकाशमय करते हैं। हिंदू धर्म को मानने वालों के लिए सूर्य देव समान हैं।  सूर्य मंत्र, रत्न, रंग क्या है?
22 December 2025 by
सूर्य ग्रह: वैदिक ज्योतिष में महत्व, प्रभाव और संपूर्ण गाइड
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सूर्य ग्रह से ही हमें ऊर्जा व प्रकाश प्राप्त होता है। यह हमारे जीवन को प्रकाशमय करते हैं। हिंदू धर्म को मानने वालों के लिए सूर्य देव समान हैं।  सूर्य मंत्र, रत्न, रंग क्या है?

प्रस्तावना

सूर्य ग्रह से ही हमें ऊर्जा व प्रकाश प्राप्त होता है। यह हमारे जीवन को प्रकाशमय करते हैं। हिंदू धर्म को मानने वालों के लिए सूर्य देव समान हैं। हिंदू धर्म में इनकी उपासना की जाती है। परंतु इसका एक और पहलू है वैदिक ज्योतिष में सूर्य एक ग्रह के रूप में हैं और ग्रहों में ये श्रेष्ठ माने जाते हैं। इस लेख में हम सूर्य ग्रह के बारे में विस्तार से जानेंगे। हम जानेंगे कि सूर्य (sun) का वैदिक ज्योतिष में क्या महत्व है? इसके साथ ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सूर्य को क्यों महत्व दिया जाता है? सूर्य की पौराणिक मान्यता क्या है? सूर्य मंत्र, रत्न, रंग क्या है? इस लेख में हम इन्हीं बिंदुओं पर बात करेंगे।

सूर्य ग्रह का परिचय

सूर्य ग्रह को यदि खगोलीय दृष्टि से देखा जाए तो यह सौर मंडल में केंद्र में स्थित है। जिसके चलते यह पृथ्वी से काफी करीब है। सूर्य के कारण ही पृथ्वी पर जीवन सूचारू रूप से चलता आ रहा है। खगोल विज्ञान की दृष्टि से शुक्र व बुध के बाद पृथ्वी से सूर्य का सबसे कम दूरी है। इसलिए यह पृथ्वी को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। वैदिक ज्योतिष में भी सूर्य को काफी महत्व दिया जाता है। सूर्य को क्रूर ग्रह माना जाता है। ये प्रभावी होते हैं तो जातक का समय बदल जाता है।

ज्योतिष में सूर्य ग्रह का महत्व

आत्मा का कारक ग्रह

ज्योतिष में सूर्य को आत्मा का कारक माना जाता है। इसके साथ ही ज्योतिष में सूर्य को पिता का प्रतिनिधित्व भी माना जाता है। सूर्य के कारण ही पिता से संतान का संबंध मधुर व कटु बनता है। जब भी किसी जातक की कुंडली का आकलन किया जाता है तो सबसे पहले सूर्य का स्थान देखा जाता है। क्योंकि ज्योतिष में सूर्य को सफलता व सम्मान का कारक कहा जाता है।

सूर्य के प्रभाव

सूर्य प्रभावी हो तो जातक अपने जीवन में यश प्राप्त करता है। इसके साथ ही वह ओजस्वी व प्रतापी होता है। महिला की कुंडली में सूर्य को पति की सफलता के लिए देखा जाता है।

ज्योतिष में सूर्य के नाम से भी राशियों को संबोधित किया जाता है, जिसे सूर्य राशि कहा जाता है। यदि जातक की कुंडली में सूर्य की महादशा चल रही हो तो रविवार के दिन जातक को अच्छे फल मिलते हैं।

ज्योतिष में सूर्य सिंह राशि का स्वामी माना गया है। मेष राशि में यह उच्च होता है, जबकि तुला राशि सूर्य की नीच राशि मानी जाती है।

सूर्य ग्रह की राशि स्थिति

सूर्य का 12 राशियों में प्रभाव

मेष राशि (Aries) - सूर्य का उच्च राशि:

जिन व्यक्तियों की कुंडली में सूर्य मेष राशि में स्थित है, वे बहुत साहसी, नेतृत्व क्षमता से युक्त और सफल होते हैं। मेष राशि की पूरी जानकारी

वृषभ राशि (Taurus):

सूर्य वृषभ में मामूली प्रभाव डालता है। ऐसे व्यक्ति स्थिर, भौतिक सुखों को प्रिय मानते हैं। वृषभ राशि की पूरी जानकारी

मिथुन राशि (Gemini):

मिथुन में सूर्य व्यक्ति को बुद्धिमान और संचार कुशल बनाता है। मिथुन राशि की पूरी जानकारी

कर्क राशि (Cancer):

कर्क में सूर्य भावनात्मक और पारिवारिक जीवन को महत्व देता है। कर्क राशि की पूरी जानकारी

सिंह राशि (Leo) - सूर्य की अपनी राशि:

सिंह में सूर्य अत्यंत शक्तिशाली, राजकीय और प्रभावशाली होता है। ऐसे व्यक्ति नेता, साहसी और गौरवान्वित होते हैं। सिंह राशि की पूरी जानकारी

कन्या राशि (Virgo):

कन्या में सूर्य विश्लेषणात्मक और सेवाभाव को दर्शाता है। कन्या राशि की पूरी जानकारी

तुला राशि (Libra) - सूर्य की नीच राशि:

तुला में सूर्य कमजोर होता है। ऐसे व्यक्तियों को संघर्ष और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। तुला राशि की पूरी जानकारी

वृश्चिक राशि (Scorpio):

वृश्चिक में सूर्य रहस्यमय और शक्तिशाली प्रभाव डालता है। वृश्चिक राशि की पूरी जानकारी

धनु राशि (Sagittarius):

धनु में सूर्य आशावाद, दार्शनिकता और धार्मिकता लाता है। धनु राशि की पूरी जानकारी

मकर राशि (Capricorn):

मकर में सूर्य अनुशासन, कर्तव्य और जिम्मेदारी देता है। मकर राशि की पूरी जानकारी

कुंभ राशि (Aquarius):

कुंभ में सूर्य मौलिकता और स्वतंत्र विचारों को बढ़ावा देता है। कुंभ राशि की पूरी जानकारी

मीन राशि (Pisces):

मीन में सूर्य आध्यात्मिकता और कल्पना को सक्रिय करता है। मीन राशि की पूरी जानकारी

सूर्य का मानव जीवन पर प्रभाव

शारीरिक प्रभाव

सूर्य हमारे ऊर्जा का स्रोत है। इन्हीं के कारण हम ऊर्जावान रहते हैं। प्रकृति का सुचारु रूप से चलना भी सूर्य के ही जिम्मे है। इसी प्रकृति का हिस्सा हम भी हैं। जिसके चलते इनका प्रभाव हम पर पड़ता है।

ज्योतिष के अनुसार जिस जातक की कुंडली में सूर्य लग्न में विराजमान होते हैं उसका चेहरा बड़ा और गोल होता है तथा आंखों का रंग शहद के समान होता है। जातक के शरीर में सूर्य हृदय का प्रतिनिधित्व करते हैं। कालपुरुष कुंडली में सिंह राशि हृदय को इंगित करती है।

शारीरिक संरचना व ज्योतिष के अनुसार सूर्य पुरुषों की दाहिनी आंख व स्त्रियों की बाईं आंख को दर्शाता है।

मजबूत सूर्य के लाभ

ज्योतिष के मुताबिक यदि किसी जातक की कुंडली में सूर्य मजबूत (बली) है तो:

  • जातक अपने जीवन में सभी लक्ष्यों की प्राप्ति करता है

  • जातक के अंदर गजब का साहस देखने को मिलता है

  • वह प्रतिभावान व नेतृत्व क्षमता से परिपूर्ण होता है

  • जीवन में उसे मान सम्मान की कमी नहीं होती

  • जातक ऊर्जावान, आत्म-विश्वासी व आशावादी होता है

  • जातक की उपस्थिति के कारण घर में खुशी, आनंद का माहौल बना रहता है

  • जातक दयालु होता है

  • रहन-सहन शाही हो जाती है

  • ऐसे जातक अपने कार्य व संबंधों के प्रति काफी वफादार होते हैं

  • कुंडली में सूर्य का उच्च व मजबूत होना सरकारी नौकरी की ओर इशारा करता है

  • जातक जीवन में उच्च पद प्राप्त करता है

कमजोर सूर्य के नुकसान

जिस जातक की कुंडली में सूर्य पीड़ित होते हैं या प्रभावी नहीं होते हैं उन जातकों पर इसका गहरा असर पड़ता है:

  • ऐसे में जातक अहंकारी हो जाता है

  • क्रोध जातक की नाक पर सवार रहता है

  • जिसके कारण उसके कई काम बिगड़ जाते हैं

  • जातक छोटी-छोटी बातों को लेकर उदास हो जाते हैं

  • इसके साथ ही किसी पर भी विश्वास नहीं कर पाते हैं

  • जातकों के अंदर ईर्ष्या व्याप्त हो जाता है

  • जातक महत्वाकांक्षी होने के साथ आत्म केंद्रित भी बन जाते हैं

  • जिसके कारण इनकी सामाजिक प्रतिष्ठा में कमी आती है

  • आत्मविश्वास की कमी होती है

  • स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं

सूर्य की पौराणिक मान्यता

देव के रूप में सूर्य

सूर्य को सौर मंडली का राजा माना जाता है। इसके साथ ही हिंदू पौराणिक कथाओं में सूर्य को देव कहा गया है। सूर्य की आराधना की जाती है।

मान्यता के अनुसार सूर्य महर्षि कश्यप के पुत्र हैं और इनकी माता अदिति हैं। जिसके कारण सूर्य का एक नाम आदित्य भी है (अदिति + पुत्र = आदित्य)।

सूर्य और रविवार

जैसा कि आपने देखा होगा, आपके घर में या आस-पड़ोस में कोई लोग सूर्य को नित्य दिन जल अर्पित व सूर्य नमस्कार करते हैं। क्योंकि जातक इसके चिकित्सीय और आध्यात्मिक लाभ को पाने के लिए ऐसा करते हैं।

हिंदू पंचांग के अनुसार रविवार का दिन सूर्य के लिए समर्पित है जो कि सप्ताह का एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है।

सूर्य से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी

सूर्य के सिंबल्स

तत्वविवरण
यंत्रसूर्य यंत्र
मंत्रॐ भास्कराय नमः
रत्नमाणिक्य (Ruby)
रंगपीला / केसरिया
जड़बेल मूल
दिनरविवार
दिशापूर्व
धातुसोना / तांबा

सूर्य मंत्र

ॐ भास्कराय नमः - यह सूर्य का सबसे प्रसिद्ध और प्रभावी मंत्र है। इसे रविवार को सूर्योदय के समय 108 बार जपने से विशेष लाभ मिलता है।

माणिक्य रत्न

सूर्य का रत्न माणिक्य (Ruby) है। यह गहरे लाल या गुलाबी रंग का होता है। माणिक्य को सोने की अंगूठी में लगाकर रविवार को पहना जाता है। कम से कम 3 कैरेट का माणिक्य पहनना चाहिए। माणिक्य पहनने से आत्मविश्वास बढ़ता हैकैरियर में उन्नति होती है और स्वास्थ्य में सुधार आता है।

सूर्य का रंग

सूर्य का रंग पीला (Turmeric Yellow) या केसरिया (Saffron Orange) है। ये रंग ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक हैं। रविवार को पीले रंग के कपड़े पहनने से सूर्य की कृपा प्राप्त होती है।

सूर्य के शक्तिशाली उपाय

सूर्य पूजा

यदि जातक की कुंडली में सूर्य कमजोर या पीड़ित हैं तो निम्नलिखित उपाय करने चाहिए:

रविवार को विशेष पूजा:

  • सूर्योदय के समय पूर्व दिशा की ओर मुंह करके बैठें

  • सूर्य को जल और गुड़ अर्पित करें

  • सूर्य नमस्कार करें

सूर्य नमस्कार (योग)

सूर्य नमस्कार एक शक्तिशाली योगिक अभ्यास है:

  • इसमें 12 आसन होते हैं

  • सूर्योदय के समय करना चाहिए

  • दैनिक 108 बार करने से जीवन में उल्लेखनीय सुधार होता है

  • शारीरिक और मानसिक शक्ति में वृद्धि होती है

ह्रदय आदित्य स्त्रोत का पाठ

यह प्राचीन मंत्र सूर्य की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत प्रभावी है:

  • नियमित पाठ से हृदय रोग दूर होते हैं

  • आत्मविश्वास बढ़ता है

  • मानसिक शांति मिलती है

गायत्री मंत्र

गायत्री मंत्र सूर्य को समर्पित सबसे प्राचीन मंत्र है:

  • दैनिक 108 बार जप करें

  • सूर्योदय के समय करना सर्वश्रेष्ठ है

  • बुद्धि, विद्या और यश बढ़ाता है

दान करें

रविवार को निम्नलिखित दान करें:

  • गुड़ और गेहूं

  • तांबा और सोना (यदि संभव हो)

  • लाल रंग की वस्तुएं

  • दरिद्रों को भोजन कराएं

सूर्य महादशा (Mahadasha)

सूर्य की महादशा 6 वर्ष तक चलती है। यदि किसी की कुंडली में सूर्य की महादशा चल रही है तो:

यदि सूर्य मजबूत है:

  • करियर में तेजी से उन्नति

  • व्यवसाय में लाभ

  • सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि

  • स्वास्थ्य में सुधार

  • सरकारी नौकरी की संभावना

यदि सूर्य कमजोर है:

  • स्वास्थ्य समस्याएं

  • करियर में ठहराव

  • आत्मविश्वास की कमी

  • पारिवारिक समस्याएं

  • वित्तीय कठिनाई

अंकज्योतिष में सूर्य

अंकज्योतिष (Numerology) में संख्या 1 सूर्य से संबंधित है। यदि आपका जन्म संख्या 1 है, तो आप सूर्य के गुणों से प्रभावित हैं।

अधिक अंकज्योतिष जानकारी के लिए:

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

प्रश्न 1: क्या मैं बिना माणिक्य रत्न के सूर्य को मजबूत कर सकता हूं?

हां, बिल्कुल। सूर्य नमस्कार, गायत्री मंत्र का जप, और सूर्य पूजा भी सूर्य को मजबूत करने के बहुत प्रभावी तरीके हैं।

प्रश्न 2: सूर्य पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ दिन कौन सा है?

रविवार को सूर्य का दिन माना जाता है। सूर्योदय के समय रविवार को पूजा करना सबसे अधिक लाभकारी है।

प्रश्न 3: गायत्री मंत्र कितनी बार जपना चाहिए?

आदर्श रूप से 108 बार दैनिक जप करें। यदि यह संभव न हो, तो 27 या 54 बार भी प्रभावी है।

प्रश्न 4: सूर्य नमस्कार कितनी बार करना चाहिए?

शुरुआत में 12 बार से शुरू करें। धीरे-धीरे 24, 54, और अंत में 108 बार तक पहुंचें।

प्रश्न 5: क्या महिलाएं सूर्य पूजन कर सकती हैं?

हां, बिल्कुल। सूर्य पूजा किसी भी लिंग के लिए खुला है।

प्रश्न 6: अगर मेरी कुंडली में सूर्य नीच है, तो क्या मैं सफल हो सकता हूं?

हां, निश्चित रूप से। सही उपाय और कड़ी मेहनत से कुछ भी संभव है।

प्रश्न 7: सूर्य की पूजा के लिए कौन सी दिशा सर्वश्रेष्ठ है?

पूर्व दिशा सूर्य की मूल दिशा है। पूर्व दिशा की ओर मुंह करके पूजा करना सर्वश्रेष्ठ है।

प्रश्न 8: क्या मैं एक ही दिन में कई बार सूर्य मंत्र जप सकता हूं?

हां, आप सूर्योदय, दोपहर, और सूर्यास्त के समय जप कर सकते हैं।

निष्कर्ष

सूर्य ग्रह वैदिक ज्योतिष का सबसे महत्वपूर्ण और शक्तिशाली ग्रह है। इसका प्रभाव हमारे भौतिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास पर पड़ता है। सूर्य को मजबूत करने के लिए नियमित पूजा-पाठ, मंत्र जप, और योग अभ्यास सर्वोत्तम तरीके हैं।

याद रखें, ज्योतिष एक विज्ञान है, लेकिन मेहनत और सदचेष्टा ही सबसे बड़ी शक्ति है। सूर्य के सकारात्मक प्रभाव को आकर्षित करने के लिए सत्य, न्याय, और ईमानदारी के मार्ग पर चलें।

सूर्य आपके जीवन को प्रकाशमय करें और आपको सफलता के शिखर तक पहुंचाएं।

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Skill Astro 22 December 2025
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