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*रत्न हम क्यों पहनते हैं? ज्योतिष में रत्नों का महत्व*

5 फ़रवरी 2025 by
*रत्न हम क्यों पहनते हैं? ज्योतिष में रत्नों का महत्व*
skill astro
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रत्न हम क्यों पहनते हैं? ज्योतिष में रत्नों का महत्व* 


ज्योतिष और रत्नों का संबंध सदियों पुराना है। आपने अक्सर लोगों को अलग-अलग रत्नों की अंगूठियाँ या लॉकेट पहने देखा होगा। पर क्या आपने सोचा है कि ये रत्न पहनने के पीछे असली वजह क्या है? चलिए, समझते हैं कि ज्योतिष के अनुसार रत्न क्यों महत्वपूर्ण माने जाते हैं और इन्हें धारण करने के क्या कारण हो सकते हैं।


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 1. *ग्रहों के प्रभाव को संतुलित करना* 

ज्योतिष के अनुसार, हर रत्न किसी न किसी ग्रह से जुड़ा होता है। माना जाता है कि ग्रहों की चाल हमारे जीवन पर गहरा असर डालती है। अगर कुंडली में कोई ग्रह कमज़ोर या अशुभ स्थिति में है, तो उससे जुड़ा रत्न पहनने से उस ग्रह की नकारात्मक ऊर्जा कम होती है और सकारात्मक प्रभाव बढ़ता है। 

*उदाहरण:* माणिक्य (Ruby) सूर्य से जुड़ा है, मोती (Pearl) चंद्रमा से, और पुखराज (Topaz) बृहस्पति से।


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2. *जीवन में सुख-समृद्धि लाना* 

रत्नों को "ऊर्जा का स्रोत" माना जाता है। कई लोग इन्हें धारण करके धन, सेहत, करियर, या रिश्तों में सुधार चाहते हैं। जैसे: 

- *हीरा (Diamond):* शुक्र ग्रह से जुड़ा है और प्रेम व विलासिता बढ़ाने में मददगार माना जाता है। 

- *पन्ना (Emerald):* बुध ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है, जो बुद्धि और व्यापार में सफलता देता है। 


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3. *कुंडली के दोष दूर करना* 

कई बार ज्योतिषी कुंडली में "ग्रह दोष" (जैसे मंगल दोष, शनि दोष) होने पर विशेष रत्न पहनने की सलाह देते हैं। मान्यता है कि ये रत्न ग्रहों की क्रूरता को शांत करके समस्याओं से बचाते हैं। 

*जैसे:* लहसुनिया (Cat's Eye) शनि की साढ़े साती या ढय्या के प्रभाव को कम करने के लिए पहना जाता है।


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 4. *आध्यात्मिक और मानसिक शक्ति बढ़ाना* 

कुछ रत्नों का उपयोग ध्यान (मेडिटेशन) या आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए किया जाता है। 

- *नीलम (Sapphire):* शनि से जुड़ा है और मानसिक स्थिरता देता है। 

- *स्फटिक (Crystal):* मन को शांत करने और आत्मज्ञान बढ़ाने में मददगार माना जाता है।


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 5. *स्वास्थ्य लाभ* 

पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार, कुछ रत्न शारीरिक समस्याओं को दूर करने में सहायक होते हैं। 

- *मूंगा (Coral):* रक्त संबंधी रोगों से बचाव के लिए पहना जाता है। 

- *पन्ना (Emerald):* हृदय और तंत्रिका तंत्र को मजबूत करता है।


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 6. *परंपरा और विश्वास* 

भारतीय संस्कृति में रत्नों का प्रयोग पीढ़ियों से होता आया है। कई लोग इन्हें पारिवारिक परंपरा या आस्था के कारण पहनते हैं। जैसे, नवरत्नों की अंगूठी राजा-महाराजाओं के समय से शुभ मानी जाती रही है।


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 सावधानी: रत्न चुनते समय याद रखें! 

- हमेशा किसी विश्वसनीय ज्योतिषी से सलाह लें। गलत रत्न पहनने से नुकसान भी हो सकता है। 

- नकली या लैब-मेड रत्नों से बचें। असली रत्न ही ऊर्जा संचारित करते हैं। 


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*निष्कर्ष:* 

रत्न केवल आभूषण नहीं हैं, बल्कि ज्योतिष में इन्हें जीवन की चुनौतियों से लड़ने का एक "सहयोगी" माना जाता है। हालाँकि, इनका प्रभाव व्यक्ति के विश्वास और कर्मों पर भी निर्भर करता है। इसलिए, रत्न पहनने के साथ-साथ सकारात्मक सोच और मेहनत भी ज़रूरी है! 


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क्या आपने कभी कोई रत्न पहना है? अपने अनुभव कमेंट में ज़रूर शेयर करें! 😊

*रत्न हम क्यों पहनते हैं? ज्योतिष में रत्नों का महत्व*
skill astro 5 फ़रवरी 2025
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