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शनिवार अमावस्या 21 दिसंबर 2025: शनि अमावस्या का पूर्ण महत्व, पूजा विधि, शक्तिशाली उपाय और जीवन में होने वाले वास्तविक लाभ

शनि अमावस्या 21 दिसंबर 2025 के पंचांग विवरण, ज्योतिषीय महत्व, स्टेप-बाय-स्टेप पूजा विधि, 12 राशियों के लिए विशेष उपाय   21 दिसंबर 2025 को शनिवार को पड़ने वाली अमावस्या शनि अमावस्या के रूप में ज्योतिषीय रूप से अत्यंत शक्तिशाली तिथि साबित होगी।
19 दिसंबर 2025 by
शनिवार अमावस्या 21 दिसंबर 2025: शनि अमावस्या का पूर्ण महत्व, पूजा विधि, शक्तिशाली उपाय और जीवन में होने वाले वास्तविक लाभ
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शनिवार अमावस्या

21 दिसंबर 2025 को शनिवार को पड़ने वाली अमावस्या शनि अमावस्या के रूप में ज्योतिषीय रूप से अत्यंत शक्तिशाली तिथि साबित होगी। इस दिन शनिदेव की विशेष आराधना करने से साढ़ेसाती, ढैय्या, शनि दोष, कर्ज, कोर्ट केस, नौकरी की रुकावटें और पारिवारिक कलह जैसी सभी बाधाएं दूर होती हैं। शनि अमावस्या पर सही विधि से पूजा, दान और मंत्र जप करने वाले जातकों को वर्ष भर शनि की कृपा प्राप्त होती है तथा जीवन में स्थिरता, धन वृद्धि और न्यायपूर्ण सफलता मिलती है।​

यह विस्तृत ब्लॉग शनि अमावस्या 21 दिसंबर 2025 के पंचांग विवरण, ज्योतिषीय महत्व, स्टेप-बाय-स्टेप पूजा विधि, 12 राशियों के लिए विशेष उपाय, दान सामग्री, वर्जित कार्यों और वास्तविक लाभों पर आधारित है। यदि आप शनि पीड़ा से ग्रस्त हैं तो कल का यह दिन आपके जीवन का टर्निंग पॉइंट बन सकता है।

शनि अमावस्या 21 दिसंबर 2025 का पंचांग और मुहूर्त विवरण

2025 में पौष मास की अमावस्या तिथि 21 दिसंबर को शनिवार को संयोग बन रही है, जिसे शनि अमावस्या या शनिशरी अमावस्या कहा जाएगा। पंचांग के अनुसार अमावस्या तिथि 20 दिसंबर रात्रि से प्रारंभ होकर 21 दिसंबर सायंकाल तक रहेगी। शनि अमावस्या पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त निम्नलिखित हैं:

  • प्रातःकाल पूजा मुहूर्त: सुबह 5:30 से 7:30 बजे तक

  • मध्याह्न दान मुहूर्त: दोपहर 12:00 से 2:00 बजे

  • सायंकाल शनि आरती: शाम 6:00 से 8:00 बजे

  • रात्रि जप मुहूर्त: रात 9:00 से 11:00 बजे

इस वर्ष शनि कुंभ राशि में गोचररत हैं, जिससे मकर-कुंभ-मीन पर साढ़ेसाती तथा तुला-वृश्चिक पर ढैय्या चल रही है। 21 दिसंबर को शनि की दृष्टि विशेष रूप से सक्रिय रहेगी, इसलिए इस दिन उपाय करने से त्वरित फल मिलेंगे।​

शनि अमावस्या का ज्योतिषीय और पुराणीय महत्व

वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह को कर्मफल दाता, न्यायाधीश और अनुशासन का स्वामी माना गया है। जब अमावस्या शनिवार को आती है तो शनि की शक्ति चरमोत्कर्ष पर पहुंच जाती है। पुराणों में वर्णन है कि शनि भगवान शिव के परम भक्त हैं और हनुमान जी उनके नियंत्रक हैं। शनि अमावस्या पितृ तर्पण, शनि शांति और कर्म शुद्धि का सर्वोत्तम दिवस है।

इस दिन किए गए उपायों से न केवल वर्तमान शनि पीड़ाएं शांत होती हैं बल्कि भविष्य के 7.5 वर्षों की साढ़ेसाती के कष्ट भी कम हो जाते हैं। शास्त्रों में कहा गया है- "शनौ अमावस्या समागमे शनिदोष नाशति क्षिप्तम्" अर्थात् शनिवार अमावस्या पर शनि दोष तुरंत नष्ट हो जाता है। यह दिन आत्मचिंतन, पुराने कर्मों का प्रायश्चित और नई शुरुआत का प्रतीक है।​

शनि अमावस्या पर पूजा सामग्री की पूरी सूची

शनि अमावस्या पूजा के लिए निम्नलिखित सामग्री आवश्यक है:

मुख्य सामग्री:

  • काले तिल (1 किलो), सरसों का तेल (1 लीटर), उड़द की दाल (500 ग्राम)

  • काला कपड़ा, लोहे की कील/नाल, कोयला, काली उड़द

  • नीले/काले फूल, अगरबत्ती, कपूर, घी का दीपक

पूजा के लिए:

  • शनि यंत्र, शनि चालीसा पुस्तक, रुद्राक्ष माला

  • हवन सामग्री (तिल, गुग्गल, लोबान)

  • पीपल पत्र, कुशा, पंचपल्लव

दान के लिए:

  • काले वस्त्र, ज्वारे का चावल, तांबे का लोटा

  • गरीबों के लिए भोजन, कंबल, जूते-चप्पल

पूजा से पूर्व स्वयं स्नान कर काले या नीले वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल पूर्व या पश्चिम मुख करके बनाएं।​

शनि अमावस्या पूजा विधि: स्टेप-बाय-स्टेप विस्तृत प्रक्रिया

चरण 1: शुद्धिकरण और संकल्प (सुबह 5:30 बजे)

घर के आंगन में गंगाजल छिड़कें। स्नान कर शुद्ध होकर पूजा स्थल पर स्वास्तिक बनाएं। शनि यंत्र स्थापित कर संकल्प लें- "मैं अमुक गोत्र का अमुक शनि अमावस्या 21 दिसंबर 2025 पर शनिदेव प्रसन्न करने हेतु पूजन करूंगा।"

चरण 2: शनि प्रतिष्ठापन और आसन पूजन

शनि यंत्र पर काले तिल का लेप लगाएं। आसन के लिए काला कपड़ा बिछाएं। पंचोपचार से पूजन करें- गंध (चंदन), पुष्प (नीले फूल), धूप, दीप (सरसों तेल), नैवेद्य (उड़द की दाल)।

चरण 3: शनि मंत्र जाप और चालीसा पाठ

"ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः" मंत्र का 108 बार जाप रुद्राक्ष माला से करें। शनि चालीसा का 7 बार पाठ करें। बीच में हनुमान चालीसा 11 बार अवश्य पढ़ें।

चरण 4: पीपल पूजा और तेल अभिषेक

निकटतम पीपल वृक्ष पर जाएं। जड़ में सरसों तेल का दीपक जलाएं। 7 परिक्रमा कर जल अर्पित करें। घर लौटकर कलश में सरसों तेल भरकर शनि यंत्र के समक्ष स्थापित करें।

चरण 5: हवन, तर्पण और आरती

शनि मंत्र से 108 आहुतियां दें। पितृ तर्पण के लिए काले तिल से तर्पण करें। अंत में शनि आरती करें और प्रसाद वितरित करें।

पूजा के बाद 21 मिनट मौन रहें और शनि से क्षमा याचना करें।​

12 राशियों के लिए शनि अमावस्या 21 दिसंबर 2025 के विशेष उपाय

राशिमुख्य उपायलाभ
मेषकाले तिल दान + हनुमान चालीसानौकरी स्थिरता
वृषभसरसों तेल अभिषेकधन प्राप्ति
मिथुनउड़द दाल दानमानसिक शांति
कर्कलोहे की नाल पूजापारिवारिक सुख
सिंहकाला कपड़ा दानस्वास्थ्य लाभ
कन्याकोयला दानशिक्षा सफलता
तुलाशनि यंत्र जप (ढैय्या)विवाह योग
वृश्चिकपीपल दीपककर्ज मुक्ति
धनुतिल तर्पणव्यापार वृद्धि
मकरशनि शांति पूजा (साढ़े साती)करियर उन्नति
कुंभतेल दान (साढ़े साती)न्याय प्राप्ति
मीनशनि स्तोत्र (साढ़े साती)रोग निवारण

ये उपाय 43 दिनों तक निरंतर करें।​

शनि अमावस्या पर दान: सामग्री, समय और फल

प्रातःकाल दान: काले तिल, ज्वारे का चावल (शनि दोष नाश)

मध्याह्न दान: उड़द दाल, सरसों तेल (धन वृद्धि)

सायंकाल दान: काले वस्त्र, लोहे की वस्तु (कोर्ट केस जीत)

रात्रि दान: कोयला, कंबल (साढ़ेसाती शांति)

गरीब, विकलांग, चौकीदार या सफाई कर्मचारियों को दान दें। शनि को सेवा से अधिक प्रसन्नता होती है।​

शनि अमावस्या पर वर्जित कार्य: इन्हें कभी न करें

  • मांस, मदिरा, तामसिक भोजन का सेवन निषिद्ध

  • झूठ, क्रोध, गाली-गलौज, चुगली से दूर रहें

  • कर्ज चुकाना टालें, वादे पूरे करें

  • शराब, तंबाकू, जुआ आदि व्यसनों से बचें

  • जानवरों को कष्ट, झगड़े-कलह न करें

  • विवाह, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य वर्जित

इनका उल्लंघन शनि को कुपित करता है।​

शनि अमावस्या के वास्तविक लाभ और भक्त अनुभव

भक्तों ने शनि अमावस्या पर उपायों से चमत्कारिक लाभ प्राप्त किए हैं:

  • कर्ज मुक्ति: 6 महीने में 10 लाख का कर्ज चुकाने वाले

  • नौकरी प्राप्ति: साढ़ेसाती में प्रमोशन पाने वाले

  • रोग निवारण: लंबे समय के रोगों से मुक्ति

  • कोर्ट केस जीत: वर्षों पुराने मुकदमे का निपटारा

  • विवाह सफलता: ढैय्या में विवाह योग बनना

शनि की कृपा धीमी लेकिन स्थायी होती है। नियमित उपाय से जीवन परिवर्तनकारी परिणाम देते हैं।​

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

प्रश्न 1: शनि अमावस्या 21 दिसंबर 2025 कब है और पूजा मुहूर्त क्या है?

उत्तर: 21 दिसंबर 2025 को शनिवार को पौष अमावस्या शनि अमावस्या बनेगी। पूजा मुहूर्त सुबह 5:30-7:30 बजे।​

प्रश्न 2: शनि अमावस्या पर सबसे सरल और शक्तिशाली उपाय कौन सा है?

उत्तर: पीपल वृक्ष पर सरसों तेल का दीपक जलाकर "ॐ शं शनैश्चराय नमः" 108 बार जप करें। तुरंत फल मिलता है।​

प्रश्न 3: क्या शनि अमावस्या से साढ़ेसाती पूरी तरह समाप्त हो जाती है?

उत्तर: कष्ट कम होते हैं और शनि कृपा बढ़ती है। पूर्ण समाप्ति गोचर पर निर्भर लेकिन पीड़ा 70% कम हो जाती है।​

प्रश्न 4: शनि अमावस्या पर कौन सी दान सामग्री सबसे प्रभावी है?

उत्तर: काले तिल, सरसों तेल और उड़द दाल का दान शनि देव को सर्वाधिक प्रिय है। गरीबों को दें।​

प्रश्न 5: घर पर शनि अमावस्या पूजा कैसे करें यदि मंदिर दूर हो?

उत्तर: शनि यंत्र स्थापित कर पंचोपचार पूजन, मंत्र जाप, हवन और दान करें। हनुमान चालीसा अनिवार्य।​

प्रश्न 6: शनि अमावस्या पर मांसाहार क्यों वर्जित है?

उत्तर: शनि शाकाहारी देव हैं। तामसिक भोजन से कुपित होते हैं तथा पीड़ा बढ़ाते हैं। शुद्ध सात्विक भोजन करें।​

प्रश्न 7: शनि अमावस्या के उपाय कितने दिनों तक करें?

उत्तर: 43 दिनों (शनि का चक्र) तक निरंतर करें। स्थायी लाभ के लिए हर शनि अमावस्या पर दोहराएं।​

21 दिसंबर 2025 की शनि अमावस्या पर इन उपायों को अपनाकर शनि की पूर्ण कृपा प्राप्त करें। जीवन के सभी क्षेत्रों में स्थिरता, समृद्धि और न्याय की प्राप्ति होगी।

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