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धनतेरस पूजा 2025: तिथि, मुहूर्त, मंत्र और समृद्धि-स्वास्थ्य के लिए अनुष्ठान

धनतेरस, जिसे धनत्रयोदशी भी कहते हैं, दिवाली पर्व की शुरुआत का शुभ दिन है। पूरे भारतवर्ष में यह त्योहार देवी लक्ष्मी, भगवान कुबेर तथा भगवान धन्वंतरि की कृपा प्राप्ति के लिए मनाया जाता है। 2025 में धनतेरस शनिवार, 18 अक्टूबर को है — यह दिन समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए पूजा करने का उत्तम समय है।​

धनतेरस 2025 तिथि और शुभ मुहूर्त

  • तिथि: शनिवार, 18 अक्टूबर 2025​
  • त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ: 17 अक्टूबर, शाम 7:23 बजे
  • त्रयोदशी तिथि समाप्त: 18 अक्टूबर, शाम 7:45 बजे
  • प्रदोष काल पूजा मुहूर्त: शाम 7:16 बजे से 8:20 बजे तक (शहर-वार सही समय स्थानीय पंचांग में देखें)
  • वृषभ काल: शाम 7:17 बजे से 9:13 बजे तक

प्रदोष काल में धनतेरस पूजा करने से सकारात्मक ऊर्जा, धन और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। इसी समय पूजा करना अत्यधिक शुभफलकारी है।​

धनतेरस का महत्व

इस दिन भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था जो अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेदाचार्य एवं स्वास्थ्य का देवता माना जाता है। धनतेरस पर सोना-चांदी या नए बर्तन खरीदना शुभ होता है, जिससे घर में धन और सौभाग्य की वृद्धि होती है। इस दिन माता लक्ष्मी के साथ भगवान कुबेर और धन्वंतरि की पूजा की जाती है जिससे घर में समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य दोनों की प्राप्ति सुनिश्चित होती है।​

धनतेरस पूजा के आवश्यक अनुष्ठान

चरण-दर-चरण पूजा विधि :

घर की सफाई व सजावट

  • घर के हर कोने को अच्छे से साफ करें ताकि माता लक्ष्मी का आगमन शुभ हो सके।
  • द्वार व आंगन में सुंदर रंगोली, आम व गेंदे के फूल की बंदनवार लगाएँ, और प्रत्येक कमरे में दीपक जलाएँ जिससे सकारात्मकता आए।

पूजा की तैयारी

  • देवी लक्ष्मी, कुबेर और धन्वंतरि की मूर्ति या चित्र उत्तर-पूर्व दिशा में ऊँचे स्थान पर स्थापित करें।
  • पूजा के लिए शुद्ध वस्तुएं जैसे ताजे फूल, अगरबत्ती, कुमकुम, हल्दी, पान के पत्ते, मिठाई, मेवे, जलपात्र एवं धातु का कोई मूल्यवान वस्तु रखें।

पूजा विधि

  • दीपक और अगरबत्ती जलाएं, स्थान को पवित्र करने के लिए गंगाजल छिड़कें और घंटी बजाएं।
  • धनतेरस के विशेष मंत्रों का जप करें।
  • फूल, चावल, हल्दी, कुमकुम, मिठाई और सिक्के अर्पित करें।
  • लक्ष्मी जी की आरती करें और प्रसाद बाँटें।

नए सामान की खरीदारी

  • सोना, चांदी, बर्तन या घरेलू उपयोग की चीजें खरीदें ताकि घर में नया आरंभ और समृद्धि हो।

विशेष यम दीपदान

  • शाम को घर के मुख्य द्वार के बाहर दीपक जलाएं, जिससे अकाल मृत्यु व नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है।​

समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए शक्तिशाली धनतेरस मंत्र

1. लक्ष्मी मंत्र (धन के लिए):

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः

(Om Shreem Hreem Shreem Kamale Kamalaalaye Praseed Praseed Om Shreem Hreem Shreem Mahalakshmyai Namah)

  • इस मंत्र का 108 बार जाप करें, इससे आर्थिक समस्याओं से छुटकारा और समृद्धि आती है।

2. धन्वंतरि मंत्र (स्वास्थ्य के लिए):

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय धन्वन्तरये अमृतकलश हस्ताय सर्वामय विनाशनाय त्रैलोक्यनाथाय श्री महाविष्णवे नमः

(Om Namo Bhagavate Vasudevaya Dhanvantaraye Amruta Kalasha Hastaya Sarva Amaya Vinashanaya Trailokya Nathaya Sri Maha Vishnave Namah)

  • आयु, स्वास्थ्य और दीर्घायु हेतु इस मंत्र का जाप करें।

3. कुबेर मंत्र (समृद्धि के लिए):

ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्य समृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥

(Om Yakshaya Kuberaya Vaishravanaya Dhan Dhanyadhipataye Dhanyadhanya Samriddhim Me Dehi Dapaya Swaha)

  • व्यापार और आय में वृद्धि के लिए जाप करें।

धनतेरस पूजा विधि (स्टेप-बाय-स्टेप)

  • स्नान करके साफ कपड़े पहनें; ज़रूरत हो तो पीले या लाल रंग के वस्त्र पहनें।
  • पूजा स्थान पर नए बर्तन व अनाज रखें।
  • लक्ष्मी व धन्वंतरि प्रतिमाओं को चंदन, कुमकुम व चावल लगाएँ।
  • देवी-देवताओं को पाँच प्रकार की मिठाई और सिक्के अर्पित करें।
  • पूर्व-दिशा में ज्ञान-दीप जलाकर लक्ष्मी, कुबेर और धन्वंतरि मंत्रों का जाप करें।
  • लक्ष्मी और धन्वंतरि की आरती करें तथा दीपक को दक्षिणावर्त घुमाएँ।
  • परिवारजनों को प्रसाद दें, चावल-सिक्के उनके हाथ में रखें— इससे वर्षभर सौभाग्य मिलता है।

वास्तु और ज्योतिषीय उपाय

  • घर की मुख्य द्वार को अच्छी तरह साफ करें।
  • गेरुए रंग से लक्ष्मी के पग बनाएँ।
  • पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में तुलसी या जेड का पौधा रखें।
  • राशि अनुसार सोना/चांदी खरीदें—जैसे वृषभ के लिए सोना, मकर के लिए चांदी उपयोगी है।
  • जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या धन का दान करें जिससे पुण्य और धन प्राप्ति दोनों संभव हों।

धनतेरस पूजा 2025 — अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

प्रश्नउत्तर
धनतेरस पूजा का सबसे शुभ समय कब है?18 अक्टूबर 2025, शाम 7:16 से 8:20 तक का प्रदोष काल सबसे श्रेष्ठ है; स्थानीय पंचांग में मुहूर्त देखें।
किन देवी-देवताओं की पूजा होती है?मुख्यत: देवी लक्ष्मी, भगवान कुबेर, एवं भगवान धन्वंतरि।
धनतेरस में कौन-कौन से मंत्रों का जाप करें?"ओम श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः" (लक्ष्मी के लिए), "ओम यक्षाय कुबेराय..." (कुबेर के लिए)।
धनतेरस पर क्या-क्या खरीदना शुभ है?सोना, चांदी, बर्तन, किचन समान, अन्य मूल्यवान वस्तुएं।
यम दीपक करने का क्या महत्व है?यह अकाल मृत्यु व नकारात्मक ऊर्जा से बचाव के लिए शुभ है।
क्या धनतेरस की पूजा घर में हो सकती है?हां, पारंपरिक विधि से परिवार संग पूजा करें, संपन्नता और सुख प्राप्त होता है।
पूजा स्थान कैसे सजाएँ?उत्तर-पूर्व दिशा में, गणेश की मूर्ति लक्ष्मी के बाएँ तथा सरस्वती दायीं ओर रखें।
राशिगत उपाय क्या हैं?मेष-लाल फूल, मिथुन-हरे रंग की मोमबत्ती, कर्क-सफेद मिठाई, आदि अपनी राशि अनुसार उपाय करें।

निष्कर्ष

धनतेरस 2025 पारंपरिक पूजा और उपायों के साथ संपूर्ण स्वास्थ्य व समृद्धि का पर्व है। सच्ची श्रद्धा, उचित मंत्र-जाप, दान, और वास्तु उपाय अपनाकर हर परिवारजन के जीवन में सुख-समृद्धि का द्वार खुलता है।

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धनतेरस पूजा 2025: तिथि, मुहूर्त, मंत्र और समृद्धि-स्वास्थ्य के लिए अनुष्ठान
Skill Astro 11 अक्तूबर 2025
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